नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में कड़ा रवैया अपनाने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस मुलरीधर का बुधवार देर रात तबादला कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस बोबड़े ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ चर्चा कर एस मुरलीधर का दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तबादला कर दिया गया है। राष्ट्रपति भवन ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। ज्ञात हो कि बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि सीएए हिंसा के सिलसिले में भाजपा के तीन नेताओं द्वारा कथित तौर पर दिए गए नफरत भरे भाषण के लिए प्राथमिकी दर्ज करने में 'सोच समझकर निर्णय' करे। अदालत ने निर्देश दिया कि इस बारे में गुरुवार तक सूचित किया जाए। भाजपा के ये तीन नेता हैं- कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा। जिस पीठ ने यह फैसला सुनाया, उसमें एस मुरलीधर भी शामिल थे। जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ ने विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन के आश्वासन को रिकॉर्ड में लिया कि वह आज ही पुलिस आयुक्त के साथ बैठक करेंगे और सभी वीडियो क्लीप देखेंगे और प्राथमिकियां दर्ज करने पर सोच समझकर निर्णय करेंगे।
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वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्व क्षेत्र में दो दिन की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 34 लोगों की मौत हो गई है। फिलहाल गुरुवार को राजधानी में शांति बनी हुई है और पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है। गुरु तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी) में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में 2 लोगों की मौत हुई, वहीं अन्य दो अस्पतालों में दो लोगों की मौत हुई है। घायलों की संख्या 200 के पार बताई जा रही है। मालूम हो कि इससे पहले बुधवार को पुलिस ने बताया था कि 27 लोगों की मौत हुई है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने हिंसा में कथित भागीदारी को लेकर 106 लोगों को गिरफ्तार किया है और 18 प्राथमिकियां दर्ज की हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मणदीप सिंह रंधावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि बुधवार को कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई और उत्तर पूर्व दिल्ली से पीसीआर कॉल घट गए हैं। खूफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा का शव बुधवार को नाले से बरामद किया गया। वह मंगलवार रात को अपनी ड्यूटी पूरी करके घर लौट कहे थे।