रायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवनों वहां बाल सुलभ शौचालय और पेयजल व्यवस्था के कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। श्री परदेशी ने कलेक्टरों से कहा है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत 2 अक्टूबर से की गई है। बच्चों के सर्वांगीण विकास और राज्य में कुपोषण को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए पूर्ण अधोसंरचना आवश्यक है। अतः इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखें।
श्री परदेशी ने लिखा है कि वर्ष 2015.16 से मनरेगा के अभिसरण से आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य में प्रतिभवन निर्माण लागत 6 लाख 45 हजार रूपये है जिसमें से 5 लाख रूपये मनरेगा और 1 लाख 45 हजार रूपये विभागीय निधी से खर्च किए जाते हैं। राज्य स्तर पर स्वीकृति के बाद भी 3 हजार 560 भवन जिलों में स्वीकृति हेतु लंबित है। वित्तीय वर्ष 2018.19 में आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए प्रति केन्द्र 10 हजार रूपये की दर से राशि आबंटित की गई हैं। इस हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग नोडल एजेंसी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी भी 785 पेयजल व्यवस्था के कार्य प्रारंभ नहीं किए गए हैं। इसी तरह आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल सुलभ शौचालय निर्माण के लिए प्रति केन्द्र 12 हजार रूपये की दर से जिलों को राशि आबंटित कर दी गई है। इस हेतु निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है। जानकारी मिली है कि अभी भी 3 हजार 27 शौचालय निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। अतः निर्माण कार्यों को शीघ्र प्रारंभ कराते हुए अवगत कराएं।