नई दिल्ली। निर्भया के गुनाहगारों को फांसी कब होगी यह सवाल ख़त्म नहीं हो रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते दोषियों से कहा था कि वह एक हफ्ते में अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल कर लें। इसकी मियाद मंगलवार को पूरी हो रही है। ऐसे में मंगलवार से पहले इस मामले में पवन की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी। क्यूरेटिव खारिज होने के बाद पवन की मर्सी पिटिशन का ऑप्शन होगा। बाकी सभी दोषियों की क्यूरेटिव और दया याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। निर्भया के गुनाहगारों को अलग-अलग फांसी देने के लिए केंद्र सरकार की दलील पर सुप्रीम कोर्ट 11 फरवरी को सुनवाई करने वाला है। दोषियों की फांसी के अमल पर निचली अदालत ने रोक लगा दी थी और हाई कोर्ट ने भी उस फैसले को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट ने कहा था कि मुजरिम अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल हफ्ते भर में कर लें। उसकी मियाद 11 फरवरी को पूरी हो रही है। मुकेश, विनय और अक्षय की क्यूरेटिव पिटिशन और मर्सी पिटिशन खारिज हो चुकी है। पवन के पास ये दोनों कानूनी उपचार बाकी हैं।
लेटेस्ट कॉमेंट जब दूसरे अपराधी ही कानून को हवा मे उड़ा रहे है तो पवन का तो कानून की हवा मे उढने का सबसे पहले हक रखता है ,और वकीलो का तो क्या पूरी न्यायिक व्यवस्था का प्रिय होगा ,आखिर उनका पवन के वकील एपी सिंह का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक पवन की ओर से अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल किया जाएगा। पवन की मुख्य मामले में रिव्यू पिटिशन 9 जुलाई 2018 को खारिज हुई थी। पवन की दलील है कि वह घटना के समय नाबालिग था। ऐसे मे उसका मामला नाबालिग की तरह ट्रीट होना चाहिए। उसके नाबालिग होने का दावा करने वाली अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को खारिज कर दी थी। इसके बाद रिव्यू खारिज हो गई। पवन की ओर से पहले जूवनाइल मामले में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जानी है। वह अर्जी 11 फरवरी से पहले दाखिल की जाएगी। अगर यह अर्जी खारिज हो जाती है तो फिर पवन की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी। अगर क्यूरेटिव खारिज होती है तब उसकी ओर से दया याचिका दायर की जाएगी।