भोपाल। मध्यप्रदेश में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी भवनों में अनुमति से अधिक अवैध रूप से निर्माण करने वाले लोगों को राहत देने के लिए सरकार अब नियमों में बदलाव करते हुए एफएआर में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इससे जहां यह निर्माण वैध हो जाएंगे, वहीं इससे मिलने वाली कंपाउंडिंग फीस से सरकार को बड़ी रकम भी मिल जाएगी। इस मामले में मिले एक प्रस्ताव का विभाग द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। इस प्रस्ताव में एफएआर बढ़ा कर 3 करने की सिफारिश की गई है। इसका फिलहाल परीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि ईडब्ल्यूएस व एलआईजी के लिए कंपाउंडिंग की सीमा 10 फीसदी से बढ़ कर कितनी होगी। अधिकारियों ने विभागीय मंत्री को बताया है कि दिल्ली नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) के मास्टर प्लान अनुसार एफएआर अनुज्ञा देने की कार्रवाई शुरु की जा रही है। वहां पर एफएआर 3 का नियम लागू है। इसमें तेजी लाने के लिए विभागीय मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आला अधिकारियों को कार्रवाई जल्द करने के निर्देश दिये हैं। फिलहाल अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में इन दोनों ही तरह के मकान निर्माण के लिए 1.25 एंव 1.50 का एफएआर दिया जाता है। इसके दस फीसदी तक अतिरिक्त निर्माण मौजूदा नियमों के तहत नियमित किए जाने की अनुमति है। हकीकत यह है कि इन मकानों में 20 से 50 प्रतिशत तक ज्यादा अवैध निर्माण कर लिया गया है। मौजूदा नियमों के तहत इस तरह के निर्माण को नियमित करना संभव नहीं है, लिहाजा अब तैयारी की जा रही है।
मैरिज गार्डन के लिए नई गाइडलाइन
प्रदेश के शहरों में फिलहाल मैरिज गार्डन के लिए उज्जैन नगर निगम की गाइडलाइन को लागू किया गया है। इसके लिए अब विभाग नई गाइडलाइन बनाने की कवायद कर रहा है। इस मामले में भी विभागीय मंत्री ने हाई कोर्ट के निर्देशानुसार यह उप विधियां समय सीमा में बनाने को कहा है। इसके साथ ही उनके द्वारा मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम-2012 में संशोधन कर बड़े भवनों के लिए फायर एनओसी देने और फायर कंसलटेंट की नियुक्ति के लिए भी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।
अवैध कॉलोनियों के लिए नया अधिनियम आएगा
राज्य सरकार द्वारा अब प्रदेश की पांच हजार से अधिक कॉलोनियों को वैध करने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसके लिए अब विभाग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लिव पिटिशन दायर करने की बजाय नया अधिनियम बनाकर कॉलोनियों को वैध किया जाएगा। माना जा रहा है कि इसके लिए राज्य सरकार दिल्ली और आंध्रप्रदेश की तर्ज पर ही अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नए नियम बनाकर उन्हें लागू कर सकती है। दरअसल करीब साढ़े तीन साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 नवंबर 2016 के पहले की सभी अवैध कॉलोनियों को नियमित कर दिया था। ये कॉलोनी धारा 15(ए) में नियमित की गई थी, जिसे हाईकोर्ट द्वारा शून्य करार कर दिया दिया है। इसके बाद शासन ने कॉलोनियों को वैध करने के लिए नया अधिनियम बनाने का प्रस्ताव विधि विभाग भेजा था। जिसे मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद तय किया गया है कि अब एसएलपी में जाने की जगह नया अधिनियम लाकर कॉलोनियों को वैध कर दिया जाए।
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