*⛅नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी शाम 06:57 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*⛅योग - शोभन सुबह 09:44 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*⛅राहु काल - सुबह 08:44 से 10:07 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:21*
*⛅सूर्यास्त - 06:25*
*⛅दिशा शूल - पूर्व*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:37 से 06:29 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 से 01:18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी (चंद्रोदय रात्रि 09:19)*
*⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔸संकष्ट चतुर्थी - 29 जनवरी🔸*
*🔸क्या है संकष्ट चतुर्थी ?*
*🔹संकष्ट चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी । संकष्ट संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।*
*🔹इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है । पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है । इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं । संकष्ट चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है ।*
*🔸संकष्ट चतुर्थी पूजा विधि🔸*
*🔹गणपति में आस्था रखने वाले लोग इस दिन उपवास रखकर उन्हें प्रसन्न कर अपने मनचाहे फल की कामना करते हैं ।*
*👉 इस दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठ जाएँ ।*
*👉 व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहन लें । इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है और साथ में यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से व्रत सफल होता है ।*
*👉 स्नान के बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें । गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए ।*
*👉 सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें ।*
*👉 पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें ।*
*👉 ध्यान रहे कि पूजा के समय आप देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति भी अपने पास रखें । ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है ।*
*👉 गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें ।*
*👉 संकष्टी को भगवान् गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं ।*
*👉 गणपति के सामने धूप-दीप जला कर निम्लिखित मन्त्र का जाप करें ।*
*गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।*
*👉 पूजा के बाद आप फल फ्रूट्स आदि प्रसाद सेवन करें ।*
*👉 शाम के समय चांद के निकलने से पहले आप गणपति की पूजा करें और संकष्ट व्रत कथा का पाठ करें ।*
*👉 पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें । रात को चाँद देखने के बाद व्रत खोला जाता है और इस प्रकार संकष्ट चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है ।*
*🔹बुढ़ापा दूर करने के लिए🔹*
*🔸आंवले का रस, गाय का घी, शहद व मिश्री चारों समभाग १५-१५ ग्राम लेकर मिला लो । बुढ़ापा दूर करने के लिए ये रसायन है l इसे सुबह खाली पेट लो तथा उसके बाद २ घंटे तक कुछ ना लो, तो ये रसायन आपके शरीर में स्थायी यौवन का काम करेगा और बुढ़ापा दूर रहेगा । लेकिन जिन्हें Diabetes है, वे ये प्रयोग ना करें, वे पहले करेले वाला प्रयोग करें । फिर Diabetes मिटने के बाद ये प्रयोग करें ।*