Select Date:

28 मार्च 2024

Updated on 28-03-2024 10:12 AM
⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - चैत्र*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - तृतीया शाम 06:66 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र - स्वाती शाम 06:38 तक तत्पश्चात विशाखा*
*⛅योग - हर्षण रात्रि 11:13 तक तत्पश्चात वज्र*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:17 से 03:49 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:36*
*⛅सूर्यास्त - 06:54*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:02 से 05:49 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - संकष्ट चतुर्थी, छत्रपति शिवाजी जयंती (ति.अ.)*
*⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔸संकष्ट चतुर्थी - 28 मार्च🔸*
  *(चंद्रोदय : रात्रि 09:24)*

*🔸क्या है संकष्ट चतुर्थी ?*

*🔹संकष्ट चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी । संकष्ट संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’।*

*🔹इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है । पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है । इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं । संकष्ट चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है ।*

*🔸संकष्ट चतुर्थी पूजा विधि🔸*

*🔹गणपति में आस्था रखने वाले लोग इस दिन उपवास रखकर उन्हें प्रसन्न कर अपने मनचाहे फल की कामना करते हैं ।*

*👉 इस दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठ जाएँ ।*

*👉 व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहन लें । इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है और साथ में यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से व्रत सफल होता है ।*

*👉 स्नान के बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें । गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए ।*

*👉 सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें ।*

*👉 पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें ।*

*👉 ध्यान रहे कि पूजा के समय आप देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति भी अपने पास रखें । ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है ।*

*👉 गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें ।*

*👉 संकष्टी को भगवान् गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं ।*

*👉 गणपति के सामने धूप-दीप जला कर निम्लिखित मन्त्र का जाप करें ।*

*गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।*
*उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।*

*👉 पूजा के बाद आप फल फ्रूट्स आदि प्रसाद सेवन करें ।*

*👉 शाम के समय चांद के निकलने से पहले आप गणपति की पूजा करें और संकष्ट व्रत कथा का पाठ करें ।*

*👉 पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें । रात को चाँद देखने के बाद व्रत खोला जाता है और इस प्रकार संकष्ट चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है ।*

*कार्य सिद्धि के लिए*

*1. ॐ सुमुखाय नम: 2. ॐ एकदंताय नम: 3. ॐ कपिलाय नम: 4. ॐ गजकर्णाय नम: 5. ॐ लंबोदराय नम: 6. ॐ विकटाय नम: 7. ॐ विघ्ननाशाय नम: 8. ॐ विनायकाय नम: 9. ॐ धूम्रकेतवे नम: 10. ॐ गणाध्यक्षाय नम: 11. ॐ भालचंद्राय नम: 12. ॐ गजाननाय नम: ।*

*जो भी साधक श्री गणेश जी को रोज सिंदूर अर्पित कर इन 12 नाम का जाप करता है उसे कार्य सिद्धि प्राप्त होती है । - नारद पुराण*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।* 
  
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 29 April 2024
🌤️ *दिन - सोमवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार  2080)*🌤️ *शक संवत -1946*🌤️ *अयन - उत्तरायण*🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 🌤️ *मास - वैशाख (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)*🌤️ *पक्ष…
 28 April 2024
दिन - रविवार**⛅विक्रम संवत् - 2081**⛅अयन - उत्तरायण**⛅ऋतु - ग्रीष्म**⛅मास - वैशाख**⛅पक्ष - कृष्ण**⛅तिथि - चतुर्थी प्रातः 08:21 तक पंचमी**⛅नक्षत्र - मूल प्रातः 04:49 अप्रैल 29 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा**⛅योग- शिव…
 27 April 2024
वारः शनिवार विक्रम संवतः 2081 शक संवतः 1946 माह/पक्ष: वैशाख मास – कृष्ण पक्ष तिथि : तृतीया प्रातः 08:18 मिनट तक तत्पश्चात चतुर्थी रहेगी. चंद्र राशि : वृश्चिक राशि रहेगी.…
 26 April 2024
दिन - शुक्रवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार - 2080)*🌤️ *शक संवत -1946*🌤️ *अयन - उत्तरायण*🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 🌤️ *मास - वैशाख (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)*🌤️ *पक्ष…
 25 April 2024
🌤️ *दिन - गुरूवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार - 2080)*🌤️ *शक संवत -1946*🌤️ *अयन - उत्तरायण*🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 🌤️ *मास - वैशाख (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)*🌤️…
 24 April 2024
*दिन - बुधवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार - 2080)*🌤️ *शक संवत -1946*🌤️ *अयन - उत्तरायण*🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 🌤️ *मास - वैशाख (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)*🌤️ *पक्ष…
 23 April 2024
दिन - मंगलवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार - 2080)*🌤️ *शक संवत -1946*🌤️ *अयन - उत्तरायण*🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 🌤️ *मास - चैत्र*🌤️ *पक्ष - शुक्ल* 🌤️ *तिथि - पूर्णिमा…
 22 April 2024
🌤️ *दिन - सोमवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार - 2080)*🌤️ *शक संवत -1946*🌤️ *अयन - उत्तरायण*🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 🌤️ *मास - चैत्र*🌤️ *पक्ष - शुक्ल* 🌤️ *तिथि -…
 21 April 2024
 *दिन - रविवार*🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार - 2080)*🌤️ *शक संवत -1946*🌤️ *अयन - उत्तरायण*🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु* 🌤️ *मास - चैत्र*🌤️ *पक्ष - शुक्ल* 🌤️ *तिथि - त्रयोदशी…
Advertisement