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24 जून 2023

Updated on 24-06-2023 03:46 PM
दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - षष्ठी रात्रि 10:17 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - मघा सुबह 07:19 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*⛅योग - सिद्धि 25 जून प्रातः 05:27 तक तत्पश्चात व्यतिपात*
*⛅राहु काल - सुबह 09:19 से11:00 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:56*
*⛅सूर्यास्त - 07:29*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 से 01:03 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - कुमार षष्ठी (प. बंगाल)*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🌹रविवारी सप्तमी : 25 जून 2023🌹*

*🌹पुण्यकाल : 25 जून सूर्योदय से रात्रि 12:25 तक*

*🌹इस दिन किया गया जप-ध्यान का लाख गुना फल होता है ।*

*🌹रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे, तो घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं ।*

*🌹 पातकनाशक व महान फलदायी विजया सप्तमी - 25 जून 2023*

*🌹 ब्रह्म पुराण में ब्रह्माजी कहते है : "शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रविवार हो तो उसे 'विजया सप्तमी' कहा जाता है । उसमें किया हुआ दान महान फल देनेवाला है । विजया सप्तमी को किया हुआ स्नान, दान, ध्यान, जप, तप, होम और उपवास सब कुछ बड़े-बड़े पातकों का नाश करनेवाला है ।"*

*🔹वर्षा ऋतु का खास प्रयोग🔹*

*🔸 ५०० ग्राम हरड़ चूर्ण व ५० ग्राम सेंधा नमक का मिश्रण बना लें । (उसमें १२५ ग्राम सोंठ भी मिला सकते हैं ।) २-४ ग्राम यह मिश्रण दिन में १-२ बार लेने से 'रसायन' के लाभ प्राप्त होते हैं ।*

*🔸 नागरमोथा, बड़ी हरड़ और सोंठ तीनों को समान मात्रा में लेकर बारीक पीस के चूर्ण बना लें । इस चूर्ण से दुगनी मात्रा में गुड़ मिलाकर बेर समान गोलियाँ बना लें । दिन में ४-५ बार १-१ गोली चूसने से कफयुक्त खाँसी में राहत मिलती है ।*

*🔸 १ से ३ लौंग भूनकर तुलसी पत्तों के साथ चबाकर खाने से सभी प्रकार की खाँसी में लाभ होता है ।*

*🔸 वर्षा ऋतु में दमे के रोगियों की साँस फूले तो १०-२० ग्राम तिल के तेल को गर्म करके पीने से राहत मिलती है । ऊपर से गर्म पानी पियें ।*

*🔸 भोजन के पूर्व नींबू और अदरक के रस में सेंधा नमक डालकर पीने से मंदाग्नि व अजीर्ण में लाभ होता है ।*

*🔸 कब्ज की तकलीफ होने पर रात में त्रिफला चूर्ण लें । रात का रखा हुआ आधा से एक लीटर पानी सुबह बासी मुँह पीने से कब्ज का नाश होता है ।*

*🌹 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*

*🌹 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

*🌹 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*

*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*

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