🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - वर्षा ॠतु*
🌤️ *मास - श्रावण (गुजरात महाराष्ट्र अनुसार आषाढ)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - प्रतिपदा दोपहर 01:11 तक तत्पश्चात द्वितीया*
🌤️ *नक्षत्र - श्रवण रात्रि 10:21 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
🌤️ *योग - प्रीति शाम 05:58 तक तत्पश्चात आयुष्मान*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 07:48 से सुबह 09:27 तक*
🌤️ *सूर्योदय -06:09*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:20*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- पूर्णिमांत*
*श्रावण मास आरंभ,अशून्य शयन व्रत*
💥 *विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌷 *श्रावणमास* 🌷
प्रयास करें कि शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाए, इस समय शिवलिंग पर बेलपत्र और जल की धारा अर्पित करें. इसके बाद शिव जी के मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं. इसके बाद शिवलिंग की परिक्रमा करें. शिव जी से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
🙏🏻 *भगवान शिव का पवित्र श्रावण (सावन) मास 22 जुलाई 2024 सोमवार से शुरू हो रहा है, (उत्तर भारत हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार) (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार अषाढ़ मास चल रहा है वहा 05 अगस्त, सोमवार से श्रावण (सावन) मास आरंभ होगा)*
🙏🏻 *श्रावण हिन्दू धर्म का पञ्चम महीना है। श्रावण मास शिवजी को विशेष प्रिय है । भोलेनाथ ने स्वयं कहा है—*
➡ *अर्थात मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है, इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है।*
🙏🏻 *श्रावण मास में शिवजी की पूजाकी जाती है | “अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि विनाशनम्” श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।*
🙏🏻 *श्रावण मास में मनुष्य को नियमपूर्वक नक्त भोजन करना चाहिए ।*
➡ *श्रावण मास में सोमवार व्रत का अत्यधिक महत्व है*
🌷 *“स्वस्य यद्रोचतेऽत्यन्तं भोज्यं वा भोग्यमेव वा। सङ्कल्पय द्विजवर्याय दत्वा मासे स्वयं त्यजेत् ।।”*
🙏🏻 *श्रावण में सङ्कल्प लेकर अपनी सबसे प्रिय वस्तु (खाने का पदार्थ अथवा सुखोपभोग) का त्याग कर देना चाहिए और उसको ब्राह्मणों को दान देना चाहिए।*
🌷 *“केवलं भूमिशायी तु कैलासे वा समाप्नुयात”*
🙏🏻 *श्रावण मास में भूमि पर शयन का विशेष महत्व है। ऐसा करने से मनुष्य कैलाश में निवास प्राप्त करता है।*
➡ *शिवपुराण के अनुसार श्रावण में घी का दान पुष्टिदायक है।*
जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं बधाई और शुभ आशीष
दिनांक 22 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 4 होगा। इस अंक से प्रभावित व्यक्ति जिद्दी, कुशाग्र बुद्धि वाले, साहसी होते हैं। ऐसे व्यक्ति को जीवन में अनेक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है।
जैसे तेज स्पीड से आती गाड़ी को अचानक ब्रेक लग जाए ऐसा उनका भाग्य होगा। लेकिन यह भी निश्चित है कि इस अंक वाले अधिकांश लोग कुलदीपक होते हैं। आपका जीवन संघर्षशील होता है। इनमें अभिमान भी होता है। ये लोग दिल के कोमल होते हैं किन्तु बाहर से कठोर दिखाई पड़ते हैं। इनकी नेतृत्व क्षमता के लोग कायल होते हैं।
शुभ दिनांक : 4, 8, 13, 22, 26, 1
शुभ अंक : 4, 8,18, 22, 45, 57
शुभ वर्ष : 2031, 2040, 2060
ईष्टदेव : श्री गणेश, श्री हनुमान,
शुभ रंग : नीला, काला, भूरा
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
यह वर्ष पिछले वर्ष के दुष्प्रभावों को दूर करने में सक्षम है। आपको सजग रहकर कार्य करना होगा। परिवारिक मामलों में सहयोग के द्वारा सफलता मिलेगी। मान-सम्मान में वृद्धि होगी, वहीं मित्र वर्ग का सहयोग मिलेगा। नवीन व्यापार की योजना प्रभावी होने तक गुप्त ही रखें। शत्रु पक्ष पर प्रभावपूर्ण सफलता मिलेगी। नौकरीपेशा प्रयास करें तो उन्नति के चांस भी है। विवाह के मामलों में आश्चर्यजनक परिणाम आ सकते हैं।