नई दिल्ली । शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) परिषद के सदस्य देशों के प्रमुखों का 20वां सम्मेलन शुरू हो गया है। बैठक की अध्यक्षता रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। एससीओ के अन्य सदस्य देशों के राष्ट्रपति जबकि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। एससीओ सचिवालय के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंक रोधी तंत्र के कार्यकारी निदेशक के साथ-साथ 4 पर्यवेक्षक देशों अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया के राष्ट्रपति भी इस बैठक में शामिल हुए। वर्चुअल माध्यम से यह पहला एससीओ सम्मेलन है और 2017 में भारत के इस गुट के पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद तीसरा सम्मेलन है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एससीओ नेताओं को संबोधित करते हुए कोविड-19 महामारी के चलते उपजी चुनौतियों और विपरीत स्थितियों के बीच इस बैठक को आयोजित करने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई दी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कोविड-19 महामारी के बाद के विश्व में सामाजिक और आर्थिक विषमताओं का मुकाबला करने के लिए तत्काल प्रभाव से बहुपक्षीय सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया। भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में 1 जनवरी, 2021 से वैश्विक प्रशासन व्यवस्था में अपेक्षित बदलाव के लिए ‘बहुपक्षीय सुधार’ की थीम पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा। पीएम मोदी ने क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और संपन्नता के प्रति भारत की दृढ़ता को फिर दोहराया और आतंकवाद, हथियारों तथा नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी तथा मनी लॉन्ड्रिंग की चुनौतियों उल्लेख किया। भारत के बहादुर सैनिक संयुक्त राष्ट्र संघ के लगभग 50 शांति मिशनों में शामिल हो चुके हैं और भारत का दवा उद्योग कोविड-19 के दौरान 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कर रहा है।