*⛅तिथि - चतुर्दशी रात्रि 10:08 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*⛅नक्षत्र - आर्द्रा रात्रि 02:39 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
*⛅योग - ध्रुव सुबह 08:33 तक तत्पश्चात व्याघात*
*⛅राहु काल - शाम 05:47 से 07:28 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:03*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:39 से 05:21 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:07 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - कर्क संक्रांति*
*⛅विशेष - चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔸चतुर्दशी-आर्द्रा नक्षत्र योग🔸*
*15 जुलाई रात्रि 12:23 से 16 जुलाई रात्रि 10:08 तक*
*चतुर्दशी-आर्द्रा नक्षत्र योग में ॐकार का जप अक्षय फलदायी है ।*
*🔸कर्क संक्रांति - 16 जुलाई 2023🔸*
*🔹पुण्य काल : दोपहर 12:46 से सूर्यास्त तक*
*संक्रांति में किये गये जप, तप, ध्यान एवं सत्कर्म का फल 100 गुना फलदायी है ।*
*🔸प्रायश्चित जप🔸*
*🔹पूर्वजन्म या इस जन्म का जो भी कुछ पाप-ताप है, उसे निवृत्त करने के लिए अथवा संचित नित्य दोष के प्रभाव को दूर करने के लिए प्रायश्चितरूप जो जप किया जाता है उसे प्रायश्चित जप कहते हैं ।*
*🔹कोई पाप हो गया, कुछ गलतियाँ हो गयीं, इससे कुल-खानदान में कुछ समस्याएँ हैं अथवा अपने से गलती हो गयी और आत्म-अशांति है अथवा भविष्य में उस पाप का दंड न मिले इसलिए प्रायश्चित – संबंधी जप किया जाता है ।*
*ॐ ऋतं च सत्यं चाभिद्धात्तपसोऽध्यजायत ।*
*ततो रात्र्यजायत तत: समुद्रो अर्णव: ।।*
*समुद्रादर्णवादधि संवत्सरो अजायत ।*
*अहोरात्राणि विदधद्विश्वस्य मिषतो वशी ।।*
*सूर्याचन्द्रमसौ धाता यथापूर्वमकल्पयत् ।*
*दिवं च पृथिवीं चान्तरिक्षमथो स्व: ।।*
*(ऋग्वेद :मंडल १०, सूक्त १९०, मंत्र १ - ३ )*
*🔸इन वेदमंत्रों को पढ़कर त्रिकाल संध्या करे तो किया हुआ पाप माफ हो जाता है, उसके बदले में दूसरी नीच योनियाँ नहीं मिलतीं । इस प्रकार की विधि है ।*
*ऋषि प्रसाद – फरवरी २०१९ से*
*🔹 रविवार विशेष🔹*
*🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*