*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹दिशा विवेक🔹*
*🔸 पूजा आरती पश्चिम में है तो खुशियाँ दबेंगी । दक्षिण में है तो बिमारी आयेगी ।*
*🔸 तुम्हारी पूजा की दिशा पूर्व या उत्तर में हो तो स्थिति उन्नत होगी ।*
*🔸पूजा की दिशा उत्तर में है तो आध्यात्मिक उन्नति होगी, पूर्व में है तो लौकिक उन्नति होगी ।*
*🔸 गुरूमंत्र है तो दोनों में आध्यात्मिक और लौकिक उन्नति होगी ।*
*तो देख लेना की आरती की दिशा, पूजा करते तो आपकी दिशा पश्चिम की तरफ तो नहीं, होगी तो बदल देना । सत्संग से कैसा ज्ञान मिलता है ।*
*🔸 सोते समय पश्चिम में सिर रहेगा तो चिंता पीछा नहीं छोड़ेगी, उत्तर में सिर करते हैं तो बिमारी पीछा नहीं छोड़ेगी । सोते समय सिरहाना पूरब की तरफ अथवा दक्षिण की तरफ हो ।*
*🔹विद्यार्थी कमजोर हो तो..🔹*
जो बच्चे पढ़ने में कमजोर रहते हो न, वे बच्चे, कच्चा दूध हो उसमें मिश्री पाऊडर मिला दें, या शहद मिला दें, अच्छी तरह से घोल दें । उस से, बच्चे जाकर शिवलिंग पर अभिषेक करें, वो शिवजी पर चढ़ाएं, फिर जल चढ़ाएँ, बेल-पत्र रख दें, दिया जला दें । थोड़ी देर उधर बैठ के जप करें । तो वो बच्चे पढ़ने में बड़े होशियार, प्रतिभावान होंगे ।*
*🔹किसी का मन बदलने के लिए*🔹
कोई बात मानता नहीं हो ..तो रात को जब वो व्यक्ति सो जाए ...तब आप उसके श्वासोश्वास के करीब चले जाएँ ... उसका श्वास और आपका श्वास वातावरण में मिल जाए ऐसे आप विचार करें कि दारू छोड़ दो ...दारू से बहुत हानियाँ होती हैं ..या पत्नी को मारना छोड़ दो ..मानो मैं कमला हूँ और मेरा पति का गुड्डू .. तो बोले गुड्डू .. कमला को मारना छोड़ दे ... उसको सताओ मत जैसा उसमें दुर्गुण है उसके विपरीत बोलो .. थोड़े दिन में उसका मन बदल जायेगा ।*